Mahatma Mandhi Thoughts in Hindi 2




1.अहिंसा मानवता के लिए सबसे बड़ी ताकत है। यह आदमी द्वारा तैयार विनाश के ताकतवर हथियार से अधिक शक्तिशाली है।1


2.एक विनम्र तरीके से, आप दुनिया को हिला सकते हैं।


3.किसी चीज पर विश्वास करना और उसे ना जीना बईमानी है।


4.मृत, अनाथ, और बेघर को इससे क्या फर्क पड़ता है कि यह विनाश सर्वाधिकार है या फिर स्वतंत्रता या लोकतंत्र के पवित्र नाम पर लायी जाती है?


5.मनुष्य अपने विचारों से निर्मित एक प्राणी है, वह जो सोचता है वही बन जाता है।


6.अगर मुझ में हास्य की भावना ना होती तो में कब का आत्महत्या कर चूका होता।


7.गरीबी हिंसा का सबसे बुरा रूप है।


7.क्रोध और असहिष्णुता सही समझ के दुश्मन हैं।


8.धर्म दिल का विषय है। कोई शारीरिक असुविधा किसी के अपने धर्म का परित्याग आश्वासन नहीं देता।


9.मनुष्य की प्रकृति हमेशा बुरी नहीं होती। बुरा स्वाभाव उत्पन्न होता है प्यार की कमी से। अपने मानव स्वाभाव को कभी निराश नहीं करना चाहिए।


10.संतोष प्रयास में निहित है, ना ही प्राप्ति में, पूरा प्रयास ही पूर्ण विजय है।


11.एक आदमी या औरत की लाचारी पर निर्भर करता है कि नैतिकता सिफारिश करने के लिए काफी नहीं है। नैतिकता हमारे दिल की शुद्धता में निहित है।



12.जिस दिन प्रेम की शक्ति, शक्ति के प्रति प्रेम पर हावी हो जायेगी, दुनिया में अमन आ जायेगा।


13.इस दुनिया के सभी धर्म, वैसे तो अन्य बातों में सभी धर्म अलग-अलग हैं ! लेकिन अगर हम सोचें सच्चाई के सिवा इस दुनिया में कुछ नहीं है।


14.सत्य कभी भी क्षति नहीं करता ! सिर्फ यही एक कारण है।


15.डर का उपयोग होता है, लेकिन कायरता का कुछ नहीं है।


16.शांति का कोई रास्ता नहीं है, केवल शांति है।


17.अच्छा आदमी सभी जीवित चीजों का दोस्त है।


18.में सिर्फ लोगों के अच्छे गुणों को देखता हूँ , ना की उनकी गलतियों को गिनता हूँ।


19.विश्वास कोई बटोरने की चीज नहीं है, यह तो विकसित करने की चीज है।


20.एक कायर प्रेम का प्रदर्शन करने के काबिल नहीं है; यह बहादुर का विशेषाधिकार है।


21.एक अधिनियम के अनुसार एक भी दिल को खुशी देने के लिए प्रार्थना में झुकना एक हजार सिर से बेहतर है।


22.हर रात, जब मैं सोने जाता हूँ, मैं मर जाता हूँ और अगले दिन सुबह, जब मैं उठता हूँ, मेरा पुनर्जन्म होता है।


23.पाप से घृणा करो, पापी से प्रेम करो।


24.किसी के सर की रक्षा के लिए, किसी के कमर पर लटकने से तो अच्छा है, टूटे हुए सर के साथ खड़े रहें।


25.अपनी गलती को स्वीकारना झाड़ू लगाने के समान है जो सतह को चमकदार और साफ़ कर देता है।

– महात्मा गाँधी (Mahatma Gandhi)

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